रासायनिक सृति (Chemical Shift)
सन् 1951 में सबसे पहले पैकार्ड नाम के वैज्ञानिक ने इसे प्रदर्शित किया। उनके अनुसार ऐल्कोहल में तीन प्रकार को प्रोटान विभिन्न पुरस्सरण आवृत्तियों पर पहचाने जा सकते है ऐसा इसलिए बेता है कि यह प्रोटान अणु तीन भिन्न समूहों में भिन्न परिस्थितियों में रहते हैं। यह समूह है CH, CHOH इस कारण से यह भिन्न पुरस्सरण आवृत्तियों पर प्रदर्शित होते हैं। इसे रासायनिक सूत्र कहते हैं। किसी भी NMK स्पेक्ट्रम को समझने के लिए व इसका विश्लेषण करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण तकनीक सिद्ध होती है। चूँकि यह सृति रासायनिक परिस्थितियों की भिन्नता पर निर्भर करती है। अतः इसे रासायनिक सूत्ति कहते हैं।
पुरस्सरण आवृत्तियों का यह अन्तर किसी संदर्भ यौगिक से तुलना करके पता लगाया जाता है. प्रोटान के लिये सामान्य तौर पर अपनाया गया संदर्भ यौगिक है टेट्रामेथिल सीलेन (T.M.S.)
CH,
CHSCH digramformula
CH,
इस यौगिक का चयन इसलिए किया जाता है क्योंकि यह कम सान्द्रता पर भी एक दीन (Sharp) सिग्नल (Peals) प्रदान करता है। इसमें 12 प्रोटान हैं, व सभी के सभी प्रोटानों की रासायनिक परिस्थिति समान हैं. टी. एम. एस. जल या भारी जल (DO) में अविलेय है। अतः इन विलायकों में यदि यौगिक का विलयम हो तो संदर्भ यौगिक टी.एम.एस. न लेकर 3 (टेट्रा मैथिल सिलिकान) प्रोपेन सल्फोनिक अम्ल का लक्ष्य प्रयोग में लाया जाता है
CH,
H,C—— Si—— CH2—CH - CH, SO, Na* (डी.एस.एस.)
CH,
किसी प्रकार के नाभिक के लिए कौन-सा मानक यौगिक या संदर्भ यौगिक लेना है या पूर्णतया निश्चित नहीं है पर फिर भी 13C के यौगिकों के लिए.टी.एम.एस. सामान्यतः प्रयुक्त होता है व 19F के लिए CFCI प्रयुक्त होता है।
रासायनिक सृति का मापन (Measurement of Chemical Shift) रासायनिक सृति का मापन प्रमुखतः 6 एवं पैमाने से किया जाता है जो निम्न प्रकार किया जाता
8 पैमाना रासायनिक सृति स्थितियों सामान्यतः 8 पैमाने में परिभाषित की जाती है जो कि टी.एम.एस. सिगनल से किसी यौगिक के सिग्नल के अन्तर के रूप में परिभाषित कर सते है। 8 मात्र एक प्रभाज है ब एक विमीय विहीन संख्या है। यह क्षेत्र शक्ति से मुक्त होता है।
पैमाना 6 मात्रक मानों का प्रयोग कर रासायनिक सृति स्पेक्ट्रम में दाई से बाई ओर बढ़ता है।
क्षेत्र शक्ति के अनुसार हम कह सकते है कि मृति अधो क्षेत्र (down field) से उच्च क्षेत्र (uphield) अ
2023.05.05 05:35