SSpin-spin Interaction,प्रचक्रण- प्रचक्रण युग्मन

प्रचक्रण- प्रचक्रण युग्मन (अर्न्तक्रिया) (Spin-spin Interaction)


एन. एम. आर. स्पेक्ट्रा में स्पेक्ट्रल रेखाओं में विपाटन प्रोटॉनों के प्रचक्रण में युग्मन से होता है। युग्मन किसी भी यौगिक में दो प्रोटॉनों के मध्य हो सकता है एक प्रोटॉन अपने निकटवर्ती प्रोटोनी के के साथ अपना संरेखण स्थापित कर यह युग्मन को प्रदर्शित करता है। यह प्रक्रम प्रचक्रण प्रचक्रण युग्मन दोनों के बीच अर्न्तक्रिया का परिणाम (Spin-spin coupling or interaction) होता है। कसी भी यौगिक प्रोटॉनों के एन. एम. आर. स्पेक्ट्रल रेखाओं में विपाटन +1 नियम के द्वारा निर्धारित किया जाता है। में संदर्भित प्रोटॉनों के निकटवर्ती प्रोटॉनों की संख्या "' है। उदाहरण 1/2 ट्राईक्लोरो एथेन में दो तरह के हैं, H का सिग्नल " + 1 नियमानुसार त्रिक विपाटित होगा एवं Hy का सिग्नल द्विक विघाटित होगा 1. 2 ट्राइक्लोरो ऐथेन निम्नानुसार है।

HA

CI 1, 1. 2 ट्राईक्लोरोऐथेन    

प्रचक्रण-प्रचक्रण विपाटन का सिद्धान्त सिनेमिक अम्ल में दो संनिध (VIC) प्रोटान है। H, एक H★ यह दोनों दो भिन्न प्रकार के रासायनिक व चुम्बकीय वातावरण में उपस्थित है। यह दोनों एकल सिरियल प्रदोन न कर द्विक विपाटित सिग्नल देते हैं। दोनों द्विक रेखाओं का अन्तर समान रहता है। यह अन्तराल स्थिरांक (J) के बराबर होता है। चूँकि 4 प्रोटॉन के कुल चुम्बकीय वातावरण में इसका निकटवर्ती प्रोटॉन H भी आता है जो स्वयं एक चुम्बक की तरह कार्य करता है। इसका चुम्बकीय प्रभाव भी 4 पर पड़ता है। प्रोटॉन या तो A द्वारा अनुभव किए जाने वाले चुम्बकीय क्षेत्र में वृद्धि करता है (X का चुम्बकीय सदिश के सदिश के साख संरेखण करता है) या उसे कम करता है (X का चुम्बकीय सदिश 4 के सदिश के विपरीत A संरेखण कर रहा है) इस प्रकार x द्वारा के चारों ओर दो भिन्न प्रकार का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। अतः A दो बार अनुनाद की स्थिति में आता है। अतः 4 द्विक विपाटित सिग्नल प्रदान करता है। इसी पंक्त HA के प्रभाव में Hx के भी द्विक विपाटित सिग्नल प्राप्त होंगे। इसके स्पेक्ट्रा निम्नानुसार प्रदर्शित दिये


H

Hx

CC-

Ax स्पेक्ट्रम में सिग्नल विपाटन