सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला का जीवन परिचय

जीवन परिचय



सूर्यकांत त्रिमूर्ति 'निराला', जिन्हें अक्सर 'निराला' के नाम से जाना जाता है, भारतीय साहित्य के एक महत्वपूर्ण कवि थे। उनका जन्म 21 जून 1855 को उत्तर प्रदेश के मध्य गांव में हुआ था। उनका नाम तो पूरा सूर्यकांत त्रिथा था, लेकिन उन्हें 'निराला' के नाम से याद किया जाता है, जो उनकी फिल्म की सजावट और शैली की वजह से हैं।

निराला के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ:

बचपन और शिक्षा:
 
निराला का बचपन बहुत गरीबी में बीता, लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें शिक्षा की प्रेरणा दी। उनका पहला काव्य संग्रह, "अंबिकापुरी," उनका बाल्यकाल की शांति को याद करने वाला है।


कविता की प्रवृत्ति: निराला के वैज्ञानिक साहित्य की शुरुआत 1900 में हिंदी साहित्य के क्षेत्र में हुई थी। उनकी पहली कविता, "अंबिकापुरी," ने उन्हें साहित्य जगत में पहचान दिलाई। उनके दस्तावेज़ में भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का पर्याय है।


गीति और काव्य रचनाएँ: निराला की साहित्य रचना में गीति और काव्य रचनाएँ दिखाई देती हैं। उनकी कविताएँ भक्ति, प्रेम, और विचार-विमर्श विषयों पर आधारित हैं। "रहुबर," "आलोक," "अनमोल वचन," और "सरोज़ा सिन्हा" जैसी रचनाएँ उनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं।


राष्ट्रीय एवं सामाजिक समर्थन: निराला ने अपने जीवन में राष्ट्रीय एवं सामाजिक कार्य में भी भाग लिया। उन्होंने समाज के विभिन्न मठों पर अपनी राय दी और राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया।


अवसाद और विपत्तियां: निराला के जीवन में कई अवसाद और विपत्तियां आईं, जिन्होंने उन्हें अवसाद में डाल दिया। उनके अव्यवस्थित सुपरमार्केट उनके मॉडल में दिखते हैं।


मृत्यु: निराला का निधन 15 अक्टूबर 1933 में हुआ। उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी मृत्यु मानसिक रोग और विपत्तियों के कारण हुई थी।

निराला को भारतीय साहित्य में 'रोमांटिक कवि' के रूप में जाना जाता है, और उनकी कविताएँ आज भी हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण भागों में प्रचलित हैं।
Tags